बचपन एक अनोखा समय ....
" ऐ उम्र कहा कुछ मैंने शायद तुमने सुना नहीं तू छीन सकता है बचपन मेरा,
पर मेरा बचपना नहीं "
बचपन की यादें चेहरे पर मुस्कान ला देती है उस पल को याद करके चेहरे पे मुस्कान आ जाती है ।आज अपनी पुरानी तस्वीर देख कर मुझे बचपन के दिन याद आ गए ....
बचपन में बड़े होने की बहुत इच्छा होती पर लगता है वही बचपन अच्छा था....
वो भी क्या समय था न किसी बात की चिंता ना भविष्य के बारे में सोचना जो था वो एक पल में जीना ।
"बचपन में जहां चाहे रो सकते थे जहाँ चाहे हंस देते थे
पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए और आंसुओं को तन्हाई"
हमारे बचपन में एक सुकून था खेलने के लिए फोन के गेम्स नहीं थे पर बड़ा सा मैदान था । आस पास के बच्चों के साथ सुबह शाम खेलना कभी लुक्का छिप्पी कभी सत्तील्लो कभी क्रिकेट और भी न जाने कौन कौन खेल।
टीवी के नाम पर बस एक ब्लैक एंड वाइट डब्बा पर उसपे हर शनिवार रविवार आने वाली फिल्मे न जाने कितने सीरियल
शक्तिमान जूनियर जी आदि....।
वो रोज उठ कर स्कूल जाना और छुट्टी होने पर दोस्तों के साथ घर आना....
वो हसीं वक्त की यादें आज भी खुशी देती है पर ये कभी दुःख भी की ये पल फिर कभी लौट कर वापस नहीं आएँगे....
याद आता है मुझे बचपन का वो ज़माना
माँ के हाथों से खाना ,बारिश में बस भींगते जाना
वो भारी बस्ता उठना,सिर्फ एक दिन की छुट्टी पर भी खुश हो जाना
वो खाली पड़े कमरे में जोर से चिल्लाना,
और उसकी गूँज सुनकर खुश हो जाना
माँ बाप के डांटने पर जोर से रोना और उनके मनाने पर हंस कर मान जाना
वो हर खेल के अपने ही नए नियम बनाना
वो हार जीत को दिल से कभी ना लगाना
स्कूल न जाने के लिए पेट दर्द का बहाना बनाना और सुई लगने के डर से तुरंत उठ जाना
वो कभी कभी हर किसी को देख कर बेवजह मुस्कुराना
अपने दोस्तों के नए नए नाम बनाना
वो दोस्तों के साथ लंच खाना ....
सिर्फ यादें ही बची है नहीं रहा वो जमाना
पर दोस्तों एक गुजारिश है .....
ज़िन्दगी के भीड़ में चाहे कितने भी मशरूफ हो जाओ पर दोस्तों के लिए कभी अजनबी न हो जाना ....
दिल से हमेशा बच्चे ही रहना ,कभी दोस्तों के लिए बड़े मत हो जाना....
वक़्त बीत जाने पर परियों की कहानी भी बेमानी सी लगती है!!!!!
प्यारा बचपन ❤️
ReplyDeleteNice
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